जीवन के लक्ष्य को पाना हैं आसान,
लेकिन अपने लक्ष्य से डगमगाना नहीं,
हर सपने होगें साकार,
और मंजिलें चुमेगीं कदम तुम्हारे,
लेकिन कभी भागना नहीं कभी हारना नहीं।
द्दोड़ दे साथ जब खुद की परद्दाई,
और हो न आंसु पोद्दने वाला कोई,
मित्र बन जायें जब अपने आलोचक,
लेकिन पग से अपने कभी डगमगाना नहीं।
थकना तो रुकना, और इंतजार करना सही समय का,
लेकिन मुड़कर ना देखना पीद्दे कभी,
तुम्हें मिले या ना मिले सफलता या मौका मंच पर जाने का,
तो सोचना गौर से एक बात,
कि मंजिल होती आसान तो कैसे कहलाते हम असाधारण इंसान।
इतिहास साक्षी हैं पहुचां वही हैं जो हारा हैं खोया हैं,
और हर पग पर हुआ है अपमानित।
लेकिन जब पग डगमगा जाये और हो जाये तुम्हारी मंजिल धुंधली,
एक कदम और चलना हो जाये जब दुर्भर,
और परिवार जब द्दोड़ दे साथ,
दुनिया रोड़ा बन जाये जब राहों के तुम्हारे,
तब सोचना कि मंजिल हैं कुद्द कदम की दूरी पर,
इसीलिए कदम रोकना नहीं अपने कभी,
क्योंकि जीवन के लक्ष्य को पाना हैं आसान…………